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HARIDWAR (हरिद्वार)

हरिद्वार उत्तराखंड राज्य का एक मैदानी जिला है जिसको 28 दिसम्बर 1988 को जिला बनाया गया था ! इसका क्षेत्रफल 2360 वर्गकिमी है हरिद्वार शिवालिक श्रेणी के बिल्व और नील पर्वतों के मध्य गंगा के दाहिने तट पर बसा है गठन से पूर्व यह सहारनपुर मंडल में था ! पुराणों और साहित्य के अनुसार इसे गंगाद्वार, देवतओं का द्वार , तीर्थस्थलो का प्रवेश द्वार , चारों धामों का द्वार , स्वर्ग द्वार, मायापुरी , मायाक्षेत्र आदि नामों से जाना जाता था ! प्राचीन इतिहासकारो के अनुसार इस क्षेत्र के वनों को खांडववन के नाम से जाना जाता है जिसमे अज्ञातवास के दौरान पांडव रहे थे !


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1000 वर्ष पूर्व प्रथम जैन तीर्थकर भगवान आदि नाथ ने यही रहकर तपस्या की थी ! यहाँ राजा विक्रमादित्य ने भाई की याद में गंगा पर पौड़ीयों(सिढियो) का निर्माण कराया था जिसे भतृहरि की पैड़ी कहा जाता था जिसे कालांतर में हर की पैड़ी कहा जाता है अकबर सेनापति मान सिंह ने ही हर की पैड़ी का जीणोंधार करायाऔर आधुनिक हरिद्वार की नीव रखी ! चीनी यात्री हेव्न्सांग सन 634 ई0 में हरिद्वार आया था उसने इस नगर को "मो-यू-लो" तथा गंगा को महाभद्रा कहा गया! कर्निघम में "मो-यू-लो" का अर्थ मयूरपुर से है अकबर काल के इतिहासकार अबुलफजल ने आईने अकबरी में लिखता है की माया ही हरिद्वार के नाम से जानी जाती रही है 1608 में जहांगीर के शासनकाल में पहला यूरोपियन यात्री टाम कायरट हरिद्वार आया था उसने इसे शिव की राजधानी कहा! गोरखाओ के शासनकाल में हरिद्वार में दासों का बिक्री केंद्र बन गया ! महात्मा गाँधी ने 1915 ई0 और 1927 ई0 में हरिद्वार की यात्रा की थी !

विकासखंड(Block's)


वर्तमान में जिला हरिद्वार में 6 विकासखंड हैं बहादराबाद , भगवानपुर , रूडकी , नारसन ,लक्ष्यर , खानपुर

तहसील (Tehsil's)


वर्तमान में जिला हरिद्वार में तहसील- 4 हैं - हरिद्वार ,लक्ष्यर ,रूडकी , भगवानपुर ..

विधानसभा सीट (Legislative Assambly Seat's)


जिला हरिद्वार के अंतर्गत 11 विधानसभा सीट है - रुडकी, पिरानकलियर ,मंगलौर , भेल(BHEL),लक्ष्यर , खानपुर, हरिद्वार ,हरिद्वार ग्रामीण, भगवानपुर(SC),झबरेडा(SC),ज्वालापुर(SC)


नगर निगम (Nagar Nigam )


जिला हरिद्वार के अंतर्गत 2 नगर निगम है - हरिद्वार ,रूडकी


नगरपालिका परिषद् (Nagar Palika Parisad)


जिला हरिद्वार के अंतर्गत 3 नगरपालिका परिषद् है - मंगलौर , लक्ष्यर ,शिवालिक नगर

नगर पंचायत (Nagar Panchayat)


जिला हरिद्वार के अंतर्गत 5 नगर पंचायत है - झबरेडा ,लैंडोरा, भगवानपुर ,पिरानकलियर ,सेलाकुई


जिला पंचायत( Zila Panchayat)


जिला हरिद्वार के अंतर्गत 1 जिला पंचायत है - हरिद्वार जिला पंचायत


क्षेत्र पंचायत( Xshetra Panchayat)


जिला हरिद्वार के अंतर्गत 6 क्षेत्र पंचायत है - 6 विकासखंड में क्षेत्र पंचायते है


ग्राम पंचायत( Gram Panchayat)


जिला हरिद्वार के अंतर्गत 308 ग्राम पंचायत है जिसमे प्रत्येक विकासखंड में बहादराबाद(72) ,भगवानपुर (53) ,खानपुर(23) ,लक्ष्यर(50) ,नारसन (61) ,रूड़की(49) ग्राम पंचायते हैं !


हरिद्वार में स्थित शिक्षण संस्थान/अन्य


संस्थान का नाम स्थापना स्थिति अन्य
गुरुकुल काँगड़ी विश्वविद्यालय 1962 हरिद्वार यह राज्य का पहला डीम्ड विश्वविद्यालय है
आयुर्वेद (आयुष) विश्वविद्यालय 2009 हरिद्वार यह हरिद्वार में स्थित है
केन्द्रीय भवन अनुसन्धान सस्थान रूडकी (हरिद्वार) यह रूडकी में स्थित है
स्ट्रक्चरल इजीनियरिंग रिसर्च सेंटर रूडकी (हरिद्वार) यह रूडकी में स्थित है
इन्डिस्ट्रीयल टैक्सोलोजिकल रिसर्च सेंटर रूडकी (हरिद्वार) यह रूडकी में स्थित है
उत्तराखंड लोक सेवा आयोग 2000 गुरुकुल काँगड़ी (हरिद्वार) यह हरिद्वार में स्थित है

हरिद्वार में स्थित मंदिर /पर्यटन स्थान और लगने वाले मेले


पर्यटन स्थान का नाम स्थिति प्रसिद्ध
मनसा देवी मंदिर हरिद्वार हरिद्वार में शिवालिक पर्वत श्रृखला के बिल्व शिखर पर स्थित है यह शहर के पश्चिम में स्थित है
चंडी देवी मंदिर हरिद्वार जहाँ पर मनसा देवी हो वहाँ पर चंडी देवी का होना अनिवार्य है हरिद्वार में शिवालिक पर्वत श्रृखला के नील शिखर पर स्थित है यह शहर के पूर्वी में स्थित है
बिल्वकेश्वर महादेव मंदिर हरिद्वार यह बिल्व पर्वत के तलहटी में स्थित है
सप्तऋषि आश्राम हरिद्वार जब गंगा जी पृथ्वी पर उतरी तो हरिद्वार के निकट सप्तऋषिओ का आश्रम को देखकर रुक गयी क्योंकि प्रश्न सभी ऋषियों के सम्मान का था एवं उनके कोपभाजन बनने का भय था तब गंगा को देवतओं ने सात धाराओ में विभक्त होने को कहा और गंगा सात भागों में विभक्त होकर बही तब यह क्षेत्र सप्तसरोवर और सप्तऋषि नाम से विख्यात हुआ !
शांति कुञ्ज हरिद्वार आचार्य प्रवर पं0 श्रीराम शर्मा के संरक्षण में 1971 में इसकी स्थापना की और आज यह गायत्री तीर्थ के रूप में विख्यात है
कनखल हरिद्वार पौराणिक काल में यह नगर शिवजी के ससुर दक्ष प्रजापति की राजधानी थी कालिदास के मेघदुतम में इस नगर का वर्णन है
रूड़की हरिद्वार इस नगर की परिकल्पना तत्कालीन गवर्नर "थामसन" ने की थी इसका निर्माण "कर्नल पी0 बी0 काटल" के नेतृत्व में किया गया इसके निर्माण में 1847 में रूड़की में स्थापित एशिया के प्रथम इजीनियरिंगकालेज, (थामसन कालेज ऑफ़ सिविल इजीनियरिंग) की स्थापना हुई इसे IIT का दर्जा प्राप्त है
पिरान कलियर रूड़की (हरिद्वार) यहाँ हजरत अल्लाउद्दीन अहमद 'साबिर' की दरगाह है जो हिंदु और मुस्लिम की एकता की मिसाल है

Last Update on: 31 Agu 2020