Being Ignorant is Not so Much a Shame, as Being Unwilling To Learn.
उत्तरकाशी उत्तराखंड राज्य का एक पहाड़ी जिला है जिसको 24 फरवरी ,1960 को जिला बनाया गया था ! इसका प्राचीन नाम बाडाहाट था !
इसका क्षेत्रफल 8016 वर्गकिमी है
वर्तमान में जिला उत्तरकाशी में 6 विकासखंड हैं भटवारी , डुंडा ,चिन्यालीसौर ,नौगाव , पुरोला , मोरी
वर्तमान में जिला उत्तरकाशी में तहसील- 6, उपतहसील-2 हैं बारकोट , भटवारी ,चिन्यालीसौर , डुंडा, मोरी , पुरोला , धौन्त्री(sub),जोशियारा(sub).
जिला उत्तरकाशी के अंतर्गत 3 विधानसभा सीट है - गंगोत्री ,यमुनोत्री , पुरोला (SC)
जिला उत्तरकाशी के अंतर्गत 3 नगरपालिका परिषद् है - उत्तरकाशी , बडकोट ,चिन्यालीसौर
जिला उत्तरकाशी के अंतर्गत 2 नगर पंचायत है - पुरोला ,नौगाँव
जिला उत्तरकाशी के अंतर्गत 6 क्षेत्र पंचायत है - 6 विकासखंड में क्षेत्र पंचायते है
जिला उत्तरकाशी के अंतर्गत 500 ग्राम पंचायत है जिसमे प्रत्येक विकासखंड में भटवारी(83) , डुंडा (99) ,चिन्यालीसौर (81) ,नौगाव(126) ,पुरोला (43) ,मोरी (68) ग्राम पंचायते हैं !
संस्थान का नाम | स्थापना | स्थिति | अन्य |
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नेहरू पर्वतारोहण सस्थान | 14 नवंबर 1965 | उत्तरकाशी | यह पर्वतारोहीयों के लिये बनाया गया है |
हिमालयन संग्रहालय | 1965 | उत्तरकाशी | यह उत्तरकाशी में स्थित है |
पर्यटन स्थान का नाम | स्थिति | प्रसिद्ध |
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गंगोत्री | उत्तरकाशी | इस मंदिर का निर्माण 18 वी शताब्दी में गोरखा सेनापति "अमर सिंह थापा" ने करवाया तथा पुनरुधार जयपुर के राजा "माधो सिंह" ने कराया था इसके कपाट अप्रैल में "अक्षय तृतीया" को खुलते है इसी दिन माँ गंगा की डोली उनके शीत ऋतु प्रवास मुखवा ग्राम के मार्कंडेय मंदिर की गंगोत्री के लिए रवाना होती है यहाँ "भागीरथी का एक मंदिर" है जिसमे गंगा ,लक्ष्मी,पार्वती ,अन्नपूर्णा देवी की मूर्तिया है कहा जाता है भागीरथ ने गंगा को स्वर्ग से पृथ्वी पर लाने के लिए कठोर तप किया तथा भगवान शिव ने अपनी जटाओं में बाधा था ! |
गौमुख | उत्तरकाशी | गोमुख हिमनद भागीरथी(गंगा) नदी का उद्गम स्थान है यह स्थान गंगोत्री से 18 किमी0 दूरी पर दक्षिण-पूर्व में स्थित है ! |
यमुनोत्री | उत्तरकाशी | इस मंदिर का निर्माण 1919 ई0 में गडवाल नरेश "प्रपातशाह" ने करवाया तथा पुनरुधार जयपुर के "महारानी" ने कराया था इसके कपाट बैशाख में "शुक्ल की तृतीया" को खुलते है इसी दिन माँ यमुना की डोली खरसोली गाँव से यमुनोत्री के लिए रवाना होती है यमुना का उद्गम स्थान "बंदरपुच्छ" यमुनोत्री से 1 किमी0 दूरी पर स्थित है बंदरपुच्छ तीन शिखरों "श्रीकंठ,बंदरपुच्छ,यमुनोत्री काठा" का एक सामूहिक नाम है जिसे प्राचीन में "कालिन्दी पर्वत "कहा जाता है पौराणिक दृष्टि से कालिन्दी(यमुना) को सूर्य पुत्री ,शनि एवं यम की बहन तथा कृष्ण की एक पटरानी भी कहा जाता है |
विश्वनाथ मंदिर | उत्तरकाशी | इस मंदिर का पुनर्निर्माण गडवाल नरेश सुदर्शन शाह की पत्नी महारानी खनेती ने 1857 ई0 में कराया था |
शक्ति मंदिर | उत्तरकाशी | विश्वनाथ मंदिर के सामने यह मंदिर स्थित है यहाँ 6 मी0 ऊँचा एक विशाल त्रिशूल स्थापित है |
हनुमान चट्टी | उत्तरकाशी | यह यमुनोत्री से 13 किमी0 दूरी पर स्थित है |
महासू मंदिर | उत्तरकाशी | उत्तरकाशी से 150 किमी0 दूरी पर स्थित "हनोल "में महासू (महाशिव) देवता का मंदिर है प्रतिवर्ष भाद्रपद मास की अमावस्या को यहाँ 3 दिन का जागरण और मेला लगता है |
हर्षिल | उत्तरकाशी | समुद्रतल से 2620 मी0 की ऊँचाई पर उत्तरकाशी से गंगोत्री मार्ग पर स्थित है यहाँ सेब की खेती होती है |
बाड़ाहाट | उत्तरकाशी | प्राचीन काल में यह शहर "बाराह" के नाम से जाना जाता है |
हर की दून | उत्तरकाशी | यह उत्तरकाशी से 176 किमी0 दूरी पर स्थित है यह एक रमणीय स्थल है |
दयारा | उत्तरकाशी | यह एक बुग्याल है |
माघ मेला | उत्तरकाशी | इसमें देवी देवताओं को गंगा स्नान कराते है |
बिसू मेला | उत्तरकाशी | धनुष-बाणों का युध्द के लिए प्रशिद्ध है |
तालाब, बाध,नदी,ग्लेशियर | प्रसिद्ध |
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गंगोत्री ग्लेशियर | यह ग्लेशियर उत्तरकाशी में स्थित है यह 30किमी0 लम्बा व 2 किमी0 चौडा है यह राज्य का सबसे बड़ा हिमनद है यहाँ से गंगा नदी निकलती है |
यमुनोत्री ग्लेशियर | यह ग्लेशियर उत्तरकाशी में स्थित है यहाँ से यमुनोत्री नदी निकलती है यह 10 किमी0 लम्बा है |
बंदरपुच्छ ग्लेशियर | यह ग्लेशियर उत्तरकाशी में स्थित है इसकी लम्बाई 12 किमी0 है |
डोरियानी ग्लेशियर | यह ग्लेशियर उत्तरकाशी में स्थित है |
मनेरी भाली परियोजना | उत्तरकाशी पर स्थित है यहाँ भागीरथी नदी बना एक बाध बना है |
डोडीताल | यह उत्तरकाशी में स्थित है यह षटकोण के आकार का है यह सुन्दर मछलियों के लिए प्रसिद्ध है |
काणाताल | यह डोडीताल के पीछे ,उत्तरकाशी में स्थित है इसमे जल नही है |
नचिकेताताल | यह उत्तरकाशी में दूध गंगा हिमनद के पास स्थित है यह षटकोण के आकार का है यह उदलक के पुत्र नचिकेता के नाम पर है |
फचकंडी बयाताल | यह उत्तरकाशी में स्थित है इसमे उबलता जल है |
केदारताल | यह उत्तरकाशी में स्थित है |
भराणसरताल | यह उत्तरकाशी में स्थित है |
रोहीसाडा ताल | यह उत्तरकाशी में स्थित है |
खिडाताल | यह उत्तरकाशी में स्थित है |
लामाताल | यह उत्तरकाशी में स्थित है |
देवसाडी ताल | यह उत्तरकाशी में स्थित है |
ठन्डे कुण्ड का नाम | गर्म कुण्ड /जलप्रपात का नाम |
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देवकुण्ड(भागीरथी ) | गंगानी (गंधकयुक्त है ) ,सूर्यकुण्ड (यमुनोत्री) |
दर्रे | स्थिति | प्रसिद्ध |
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थागाला | उत्तरकाशी-तिब्बत | यह दर्रा उत्तरकाशी-तिब्बत के मध्य स्थित है |
मुलिंगला | उत्तरकाशी-तिब्बत | यह दर्रा उत्तरकाशी-तिब्बत के मध्य स्थित है |
नेलंग | उत्तरकाशी-तिब्बत | यह दर्रा उत्तरकाशी-तिब्बत के मध्य स्थित है |
सागचोकला | उत्तरकाशी-तिब्बत | यह दर्रा उत्तरकाशी-तिब्बत के मध्य स्थित है |
श्रीकंठ | उत्तरकाशी-हिमांचल प्रदेश | यह दर्रा उत्तरकाशी-हिमांचल प्रदेश के मध्य स्थित है |
कालिन्दी | उत्तरकाशी-चमोली | यह दर्रा उत्तरकाशी-चमोली के मध्य स्थित है |
पर्वत शिखर का नाम | ऊँचाई | स्थिति |
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भागीरथी | 6856 मी0 | यह पर्वत उत्तरकाशी में स्थित है |
श्रीकंठ | 6728 मी0 | यह पर्वत उत्तरकाशी में स्थित है |
गंगोत्री | 6672 मी0 | यह पर्वत उत्तरकाशी में स्थित है |
यमुनोत्री | 6400 मी0 | यह पर्वत उत्तरकाशी में स्थित है |
बंदरपुच्छ | 6320 मी0 | यह पर्वत उत्तरकाशी में स्थित है |
Last Update on: 31 Agu 2020