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CHAMPAWAT (चम्पावत)

चम्पावत उत्तराखंड राज्य का एक पहाड़ी/मैदानी जिला है जिसको 15 सितम्बर 1997 को जिला बनाया गया था ! इसका क्षेत्रफल 1766 वर्गकिमी है वायुपुराण के अनुसार चम्पावती पुरी नागवंशी 9 राजाओं की राजधानी थी ! 700 ई0 में बद्रीनाथ की यात्रा पर आये झुसी के चंदवंशी राजा सोमचंद ने स्थानीय राजा ब्रहादेव की एक मात्र कन्या चम्पा से विवाह कर इस स्थान को दहेज में प्राप्त किया था ! उन्होंने अपनी पत्नी के नाम पर चम्पावती नदी के तट पर चम्पावत नगर की स्थापना की और उसके मध्य में "राजबुंगा " नामक किला बनवाया ! चम्पावत का प्राचीन नाम कुमुं है काली नदी होने के कारण इसे कुमुं काली भी कहते है !


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राजा सोमचंद के बाद उनके पुत्र आत्मचंद चंदवंश के उत्तराधिकारी बने ! इसके बाद संसार चंद ,हमीर चंद ,वीणा चंद आदि ने चम्पावत की राजगद्दी सभाली ! भीष्मचंद के बाद उनके पुत्र बालो कल्याण चंद ने अपने इच्छानुसार सन् 1563 में अपने राज्य का विस्तार करते हुए राजधानी अल्मोड़ा स्थानातरित कर दी ! चम्पावत में चंद राजाओं का राज्यकाल 869 वर्षों तक रहा !

विकासखंड(Block's)


वर्तमान में जिला चम्पावत में 4 विकासखंड हैं बाराकोट , चम्पावत , लोहाघाट , पाटी

तहसील (Tehsil's)


वर्तमान में जिला चम्पावत में तहसील- 5,उपतहसील-2हैं ! चम्पावत , लोहाघाट , पाटी , पूर्णगिरी , बाराकोट , पुला (sub), मंचा(sub)..


विधानसभा सीट (Legislative Assambly Seat's)


जिला चम्पावत के अंतर्गत 2 विधानसभा सीट है - चम्पावत , लोहाघाट


नगरपालिका परिषद् (Nagar Palika Parisad)


जिला चम्पावत के अंतर्गत 2 नगरपालिका परिषद् है - चम्पावत नगरपालिका परिषद् ,टनकपुर नगरपालिका परिषद्


नगर पंचायत (Nagar Panchayat)


जिला चम्पावत के अंतर्गत 2 नगर पंचायत है - बनबसा , लोहाघाट


जिला पंचायत( Zila Panchayat)


जिला चम्पावत के अंतर्गत 1 जिला पंचायत है - चम्पावत जिला पंचायत


क्षेत्र पंचायत( Xshetra Panchayat)


जिला चम्पावत के अंतर्गत 4 क्षेत्र पंचायत है - 4 विकासखंड में क्षेत्र पंचायते है


ग्राम पंचायत( Gram Panchayat)


जिला चम्पावत के अंतर्गत 313 ग्राम पंचायत है जिसमे प्रत्येक विकासखंड में बाराकोट (48) , चम्पावत (113) , लोहाघाट (67) , पाटी (85) ग्राम पंचायते हैं !


चम्पावत में स्थित मंदिर /पर्यटन स्थान और लगने वाले मेले


पर्यटन स्थान का नाम स्थिति प्रसिद्ध
बालेश्वर मंदिर चम्पावत इसका निर्माण 1272 ई0 में चंद शासको ने करवाया ! यह भगवान शिव का मंदिर है
नागनाथ मंदिर चम्पावत इस मंदिर में वास्तुकला बहुत उत्कृष्ट है यह कुमाऊँ के पुराने मंदिरों में से एक है !
मीठा रीठा साहिब चम्पावत यह सिखों के प्रमुख धार्मिक स्थानों में से एक है जहा पर ये 1960 ई0 में गुरुद्वारे का निर्माण कराया है वहा पर "लोदिया और रतिया " नदियों का संगम है ! गुरु नानक ने इसी स्थान की यात्रा की थी तथा नाथ पंथ के "घेनाथ का मंदिर" गुरूद्वारे के पास ही है ! यह प्रांगण में "मीठे रीठे " के पेड़ है
पूर्णागिरी मंदिर चम्पावत टनकपुर से 20 किमी0 दूर पूर्णागिरी शक्ति पीठ स्थित है देश में स्थित 108 शक्ति पीठो में से एक शक्तिपीठ है यहाँ "सती जी " का नाभि अंग गिरा था ! चैत्र नवरात्र (मार्च -अप्रैल ) में यह मेला लगता है !
घटोत्क्च मंदिर चम्पावत शहर से 2 किमी0 दूर भीम पुत्र घटोत्क्च का मंदिर है
पंचेश्वर मंदिर चम्पावत काली और सरयू नदियों के संगम पर लोहाघाट से 40 किमी0 दूरी पर स्थित है यह "चोमुख के मंदिर (पशु रक्षक ) " के लिए प्रसिद्ध है यह भगवान शिव का मंदिर है !
देवीधुरा चम्पावत कुमाऊँ का प्रसिद्ध "बाराही धाम " लोहाघाट से 58 किमी0 दूरी पर स्थित है रक्षाबंधन के अवसर पर यह "असाडी कौतिक" लगता है जिसमे "पाषाण युध्द" का आयोजन होता है ! "जिम कार्बेट" ने अपनी पुस्तक "मैन ईटर ऑफ़ कुमाऊँ" में भी "पाषाण युध्द" के बारे में लिखा है !
क्रान्तेस्वर महादेव चम्पावत चम्पावत नगर के पूर्व में एक पर्वत के शिखर पर स्थित है इसे "कुर्मापद या कानदेव" के नाम से भी जाना जाता है
ग्वाल देवता मंदिर चम्पावत इन्हें न्याय के देवता के रूप में भी जाना जाता है
एक हथिया नौला चम्पावत चम्पावत नगर से 4 किमी0 स्थित है चंद राजाओं ने श्री "जग्रनाथ मिस्त्री " से बालेश्वर मंदिर बनवाया तो राजा ने इस कला का जादा प्रचार -प्रसार ना हो करके उसके दाहिना हाथ कटवा दिया ! उसने अपनी लड़की "कुमारी कस्तूरी" की मदद से बालेश्वर से भी भव्य कलात्मक इस एतिहासिक नौला (बावली ) का निर्माण कर चंद राजाओं का घमंड तोडा !
बाणासुर का किला चम्पावत लोहाघाट से 4 किमी0 दूर एक शिखर पर है
नौढूगा घर चम्पावत इस मकान को किसी भी कोने से गिनने पर 9 ही पत्थर मिलते है
मायावती आश्रम चम्पावत लोहाघाट के समीप स्थित है "स्वामी विवेकानंद" को आद्यात्मिक शांति यही से प्राप्त हुई और उन्होंने 1901 ई0 में "रामकृष्ण शांति मठ" की स्थापना की !
एबट माउन्ट चम्पावत लोहाघाट से 11 किमी0 पर स्थित है यह जगह 2001 मी0 की ऊचाई पर स्थित है
श्यामाताल चम्पावत चम्पावत से 56 किमी0 दूरी पर स्वामी विवेकानंद आश्रम के लिए प्रशिद्ध है
पाताल रुद्रेश्वर गुफा चम्पावत इसकी खोज सन 1993 ई0 में 14 वर्षीय बालक को सपने में माँ दुर्गा के दर्शन हुए और उसे गुफा के बारे में बताया ! यह चम्पावत के बारसी गाँव म स्थित है
झिलमिलताल चम्पावत टनकपुर के पास स्थित है
श्री पूर्णागिरी मेला टनकपुर (चम्पावत) टनकपुर के पास स्थित अन्नापूर्णा शिखर पर मेला लगता है
बग्वाल मेला देवीधुरा (चम्पावत) रक्षाबंधन के दिन मेला लगता है जिसमे पत्थर युध्द होता है
लड़ी धुरा मेला चम्पावत बाराकोट के पम्पीदेवी मंदिर में मेला लगता है
मानेश्वर मेला चम्पावत चमत्कारी शिला ,पशुओ के स्वस्थ रहने के लिए लगता है

Last Update on: 31 Agu 2020