Being Ignorant is Not so Much a Shame, as Being Unwilling To Learn.
रुद्रप्रयाग उत्तराखंड राज्य का एक पहाड़ी जिला है जिसको 18 सितम्बर 1997 को जिला बनाया गया था ! महाभारत में इसका नाम रुद्रावत था !
इसका क्षेत्रफल 1984' वर्गकिमी है
वर्तमान में जिला रुद्रप्रयाग में 3 विकासखंड हैं अगस्तमुनि , जखोली ,उखीमठ
वर्तमान में जिला रुद्रप्रयाग में तहसील- 4 हैं रुद्रप्रयाग ,जखोली ,उखीमठ , बसुकेदार..
जिला रुद्रप्रयाग के अंतर्गत 2 विधानसभा सीट है - रुद्रप्रयाग,केदारनाथ
जिला रुद्रप्रयाग के अंतर्गत 1 नगरपालिका परिषद् है - रुद्रप्रयाग
जिला रुद्रप्रयाग के अंतर्गत 3 नगर पंचायत है - उखीमठ ,अगस्तमुनि ,तिलवाडा
जिला रुद्रप्रयाग के अंतर्गत 3 क्षेत्र पंचायत है - 3 विकासखंड में क्षेत्र पंचायते है
जिला रुद्रप्रयाग के अंतर्गत 339 ग्राम पंचायत है जिसमे प्रत्येक विकासखंड में अगस्तमुनि(161) , जखोली (108) ,उखीमठ (70) ग्राम पंचायते हैं !
पर्यटन स्थान का नाम | स्थिति | प्रसिद्ध |
---|---|---|
केदारनाथ | रुद्रप्रयाग | केदारनाथ 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है यह समुद्रतल से 3584 मी0 की ऊचाई पर मन्दाकिनी नदी के शीर्ष पर स्थित है यह मंदिर कत्यूरी शैली में बना है यह मंदिर "खर्चाखंड" और "भरतखंड" के पास "केदार" शिखर पर स्थित है जिसके बायी ओर "पुरंदर पर्वत" स्थित है इस मंदिर के गर्भ ग्रह "त्रिकोण आकार" के है यहाँ अनेक कुण्ड है जिसमें "शिव कुण्ड" मुख्य है एक लाल पानी वाला "रुधिर कुण्ड" भी है यह पांच केदारों में से एक है यहाँ शिव के "पश्च भाग " की की पूजा होती है |
तुंगनाथ | रुद्रप्रयाग | यह मंदिर समुद्र तल से 3680 मी0 की ऊचाई पर स्थित उत्तराखंड का सर्वाधिक ऊँचाई पर स्थित शिव का मंदिर है यहाँ शिव के भुजा की पूजा होती है यह उखीमठ-गोपेश्वर मार्ग पर 30 किमी0 की दूरी पर "चन्द्रनाथ पर्वत शिखर " पर स्थित है यह पांच केदारों में से एक है जिसमे "रुद्रनाथ" और "कल्पेश्वर" चमोली में स्थित है |
मदमहेश्वरनाथ | रुद्रप्रयाग | यह 3298 मी0 की ऊँचाई पर "चौखम्भा पर्वत शिखर " पर स्थित है यहाँ शिव के "नाभि" की पूजा होती है यह मंदिर पांडव शैली में बना है यह पांच केदारों में से एक है |
उखीमठ | रुद्रप्रयाग | मन्दाकिनी नदी के बाये तट पर स्थित यह मठ केदारनाथ के रावल पुजारियों का निवास है शरद ऋतु में "भगवान केदारनाथ की पूजा " यही होती है यहाँ ओंकारेश्वर शिव मंदिर है जिसका निर्माण "शंकराचार्य जी " ने करवाया ! |
सोनप्रयाग | रुद्रप्रयाग | यह सोन (बसुकी) व मन्दाकिनी नदियों के संगम पर स्थित है यहाँ "कैलाश मंदिर " है यह केदारनाथ मार्ग पर स्थित है |
गौरी कुण्ड | रुद्रप्रयाग | यह केदारनाथ मार्ग पर स्थित है यहाँ एक गर्म जल कुण्ड है |
अगस्तमुनि | रुद्रप्रयाग | यहाँ ऋषि अगस्त ने वषों तप किया था अग्स्तेश्वर महादेव के नाम से यह एक मंदिर है यह मन्दाकिनी नदी के तट पर स्थित है |
गुप्तकाशी | रुद्रप्रयाग | यह रुद्रप्रयाग से 42 किमी0 दूर है यहाँ मुख्य रूप से विश्वनाथ मंदिर ,अर्धानागेश्वर मंदिर ,मणिकार्निक कुण्ड है |
कालीमठ सिद्धपीठ | रुद्रप्रयाग | यह रुद्रप्रयाग-गुप्तकाशी मार्ग से 10 किमी0 दूर सरस्वती नदी के दायी ओर स्थित है यहाँ मुख्य रूप से महाकाली मंदिर ,महालक्ष्मी मंदिर ,महासरस्वती मंदिर है यहाँ एक प्रेत शिला है यही "कालिदास" का जन्मस्थल "क्विलटा " है |
कोटेश्वर महादेव | रुद्रप्रयाग | यह रुद्रप्रयाग से 3किमी0 दूर अलकनंदा नदी के तट पर कोटेश्वर नाम की अति प्राचीन गुफा है इस गुफा में "स्फटिक शिवलिंग" है |
बाणासुर गड मंदिर (लमगौडी-बामसु) | रुद्रप्रयाग | गुप्तकाशी-बसुकेदार मार्ग पर प्राचीन बाणासुर मंदिर स्थित है यहाँ असुर राजा बाणासुर की राजधानी थी |
तालाब, बाध,नदी,ग्लेशियर | प्रसिद्ध |
---|---|
चौराबाडी ग्लेशियर | यह ग्लेशियर रुद्रप्रयाग में स्थित है केदारनाथ मंदिर से 3 किमी0 पूर्व में 14 किमी0 लम्बा है यहाँ से मन्दाकिनी नदी निकलती है इस हिमनद क निकट "प्रशिद्ध गाँधी सरोवर " है 15-16 जून 2012 में केदारनाथ आपदा आना इसी हिमनद का टूटना बताया जाता है |
केदारनाथ ग्लेशियर | यह ग्लेशियर रुद्रप्रयाग में स्थित है यह 14 किमी0 लम्बा व 500 मी0 चौड़ा है |
देवरिया ताल | यह रुद्रप्रयाग में उखीमठ के पास स्थित है |
बदाणी ताल | यह रुद्रप्रयाग में स्थित है |
शरवदी ,चोरबाड़ी या गाँधी सरोवर ताल | यह रुद्रप्रयाग में स्थित है |
भेकलताल | यह रुद्रप्रयाग में स्थित है यह अंडाकार है |
ठन्डे कुण्ड का नाम | गर्म कुण्ड /जलप्रपात का नाम |
---|---|
नन्दीकुण्ड | गौरीकुंड,भौरी अमोला कुण्ड |
Last Update on: 31 Agu 2020